HERBAL GARDEN

Vivek college of Ayurvedic Sciences & Hospital Bijnor UP

शतावरी

Classification

चरक- बल्य,वयःस्थापन,मधुरस्कन्ध
सुश्रुत- विदारिगंधदि, कंटकपंचमूल
भावप्रकाश-

Synoyms

शतमूली- शतावरी में १०० मूल होने से
बहुसुता- अनेक मूल होने के कारण
अतिरसा- रस उक्त होने से
अभिरु - भय को दूर करती है
पीवरी- स्थूल कंद

Habit

झाड़ीदार कंटक युक्त आरोहणी लता

Habitat

यह समस्त भारत में हिमालय में ४ हजार फिट की उचाई में मिलता हैं

Morphology

  • Stem/Bark -
  • Leaves- छोटे,गुच्छो में
  • Flowers- श्वेत वर्ण के गुच्छो में
  • Fruits (फल) - मटर के दाने के सामान
  • Seeds-

Chemical Composition

Shatavarin
Sitosterol
Saponins

Guna-Karma

Rasa-मधुर, तिक्त
Guna-गुरु,स्निग्ध
Virya- शीत
Vipaka- मधुर
Karma- स्तन्यजनन
Doshakarma- वातपित्त शामक

Medicinal uses

दौर्बल्य , स्तन्यक्षय , वात विकार , शुक्रदौर्बल्य, मानसिक विकार

Useful Part

Doses

चूर्ण- ३-६ gm
स्वरस – 10-20 ml

Important Formulation

शतावरी घृत
नारायण तेल
विष्णु तेल

Hindi Name​

शतावर

English Name

Wild Asparagus

Botanical Name

Asparagus racemosus Willd

Family

Liliaceae