चरक- मूत्र विरेचनीय सुश्रुत- वीरतारवादी भावप्रकाश-
अश्मघ्न- अश्मरी का भेदन करने वाली। गिरीभिद- पत्थरों को भोड़ कर उत्पन्न होने वाली।
क्षुप up to 1-2 fit
हिमालय के क्षेत्र में लगभग 5000-8000 फिट की ऊंचाई पर पाया जाता है।
Tannic acid, Gallic acid
Rasa- कषाय Guna- लघु,स्निग्ध,तीक्ष्ण Virya- शीत Vipaka- कटु Karma- अश्मरीघ्न Doshakarma- त्रिदोषघ्न
मूत्रकृच्छ अश्मरी प्रमेह प्लीहोदर हृद्रोग गुल्म
मूल
मूल त्वक चूर्ण -3-6 gm क्वाथ-40-80 ml
पाषाणभेदादि घृत पाषाणभेदादि क्वाथ
पत्थरचूर
hairy leaf bergenia
Berginia ligulata
Saxifragaceae