HERBAL GARDEN

Vivek college of Ayurvedic Sciences & Hospital Bijnor UP

सर्पगंधा

Classification

चरक-
सुश्रुत- अपराजिता गण
भावप्रकाश-

Synoyms

धवलविटप - मन एवं शरीर को शुद्ध करता है|
चन्द्रमार - मन की तीव्रता को शान्त करता है|
नाकुली - सर्प विष में उपयोगी|
सर्पगन्धा - इसके मूल सर्प के आकार के होते है, और इनका प्रयोग सर्पविष मे होता है|

Habit

क्षुप (Herb)

Habitat

भारत में सर्वत्र परंतु कहीं भी एकत्र अधिक परिमाण में नहीं मिलता

Morphology

  • मूल - दृढ़, सर्प के सदृश टेढ़े-मेढ़े, गन्धहीन और अतितिक्त होते हैं |

Chemical Composition

Guna-Karma

Rasa- तिक्त
Guna- रूक्ष
Virya- उष्ण
Vipaka- कटु
Karma- मानसदोषहर
Doshakarma- वातकफ शामक

Medicinal uses

उच्चरक्तचाप
अनिद्रा
उन्माद
अपस्मार
सर्पविष

Useful Part

मूल

Doses

मूल चूर्ण- अनिद्रा/उन्माद – 3 to 6 g
उच्चरक्तचाप – 1 to 2 g

Important Formulation

सर्पगन्धादि चूर्ण
सर्पगन्धा घनवटी

Shloka

Hindi Name​

धवलबरुआ

English Name

Serpentina root

Botanical Name

Rauwolfia serpentina Benth ex. Kurz.

Family

Apocynaceae