Vivek college of Ayurvedic Sciences & Hospital Bijnor UP
सर्पगंधा
Classification
चरक-
सुश्रुत- अपराजिता गण
भावप्रकाश-
Synoyms
धवलविटप - मन एवं शरीर को शुद्ध करता है|
चन्द्रमार - मन की तीव्रता को शान्त करता है|
नाकुली - सर्प विष में उपयोगी|
सर्पगन्धा - इसके मूल सर्प के आकार के होते है, और इनका प्रयोग सर्पविष मे होता है|
Habit
क्षुप (Herb)
Habitat
भारत में सर्वत्र परंतु कहीं भी एकत्र अधिक परिमाण में नहीं मिलता
Morphology
मूल - दृढ़, सर्प के सदृश टेढ़े-मेढ़े, गन्धहीन और अतितिक्त होते हैं |