HERBAL GARDEN
Vivek college of Ayurvedic Sciences & Hospital Bijnor UP
कुटज




Classification
चरक- अर्शोघ्न, कण्डूघ्न, स्तन्यशोधन, आस्थापनोपग, तिक्तस्कन्ध
सुश्रुत- आरग्वधादि, पिप्पल्यादि, हरिद्रादि, उर्ध्वभागहर
भावप्रकाश-
Synoyms
वत्सक-वत्सदेशे जायमानः (वत्सदेश अर्थात् प्रयाग के पास के विन्ध्य क्षेत्र में होने से)
इन्द्रयव (यव के समान होने से)
गिरिमल्लिका-गिरिषु मल्लिकावच्छुभ्रपुष्पधारकः (पर्वतों पर होने तथा बेला के सदृश श्वेतपुष्प धारण करने से)
वृक्षक-इस्ववृक्षः (छोटा वृक्ष होने से)
कालिंग-कलिंगदेशे भवः (कलिंगदेशे अर्थात् उड़ीसा में अधिक पाये जाने से)
इन्द्रवृक्ष-कालिंगे महेन्द्रपर्वतक्षेत्रे बहुशो जायमानत्वात् (कलिंग स्थित महेन्द्र पर्वत पर विशेष रूप से होने से)
Habit
इसका वृक्ष 8-12 मी. ऊँचा होता है।
Habitat
यह समस्त भारतवर्ष के प्रायः सभी भागों (आई भूमि को छोड़कर) तथा हिमालय की 1300 मी. ऊँची चोटियों पर उत्पन्न होता है। कृष्ण कुटज विशेष रूप से महाराष्ट्र एवं दक्षिण भारत में पाया जाता है।
Morphology
- इसका वृक्ष 8-12 मी. ऊँचा होता है।
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काण्डत्वकू 6 मि.मि. तक मोटी भूरे रंग की व खुरदुरी होती है।
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पत्र 12.5-25 से.मी. लम्बे व 5-10 से.मी. चौड़े, कदम्ब पत्र के सदृश लट्वाकार या अण्डाकार-आयताकार, चिकने, मृदुरोमश, हस्ववृन्तयुक्त होते हैं।
-
पुष्प खेत व किंचित् गन्धयुक्त होते हैं।
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फल शिम्बी के सदृश, 8 से 20-40 से.मी. तक लम्बे, पतले, 8 मि.मी. मोटे, बेलनाकार, दो-दो एक साथ वृन्त की ओर मिले हुए तथा दूसरे सिरे पर पृथक् होते हैं। इन फलियों के ऊपर सफेद दाग होते हैं।
-
बीज यव के समान, 12 मि.मी. तक लम्बे, रेखाकार व अन्त के सिरे पर प्रायः हल्के भूरे रंग के रोमगुच्छ से युक्त होते हैं।
-
बीजों को इन्द्रयव (यव के समान होने से) व कलिंगक कहा जाता है।
- फरवरी अप्रैल में पत्र गिर जाते हैं तथा पुष्यागम मई-जुलाई में व फलागम शीतकाल में होता है।
Chemical Composition
H. antidysenterica में Conessine (Kurchicine), Norconessine, Isoconessine, Dioxyconessine, Conessimine, Conessidine, Conkurchine, Holarrhimine आदि पाये जाते हैं।
Guna-Karma
Rasa- तिक्त, कषाय
Guna- लघु, रूक्ष
Virya- शीत
Vipaka- कटु
Karma- संग्राही
Doshakarma- कफपित्त शामक
Medicinal uses
रक्तज अतिसार
रक्तार्श
रक्तपित्त
प्रवाहिका
शूल
Useful Part
त्वक्, बीज
Doses
चूर्ण (1-4 gm)
क्वाथ 30-50 मि.ली.
Important Formulation
कुटजारिष्ट
कुटजावलेह
कुटज घनवटी
Shloka
कुटजः कटुको रूक्षो दीपनस्तुवरो हिमः ।
अर्कोऽतिसारपित्तास्त्रकफतृष्णाऽऽमकुष्ठनुत् ॥
इन्द्रयवं त्रिदोषघ्नं संग्राहि कटु शीतलम् ।
ज्वरातीसाररक्तावमिवीसर्पकुष्ठनुत् ।।
(भा.प्र. गुडूच्यादि वर्ग 118)
Hindi Name
कुड़ा
English Name
Kurchi
Botanical Name
Holarrhena antidysenterica (Linn.) Wall.
Family
Apocynaceae