HERBAL GARDEN
Vivek college of Ayurvedic Sciences & Hospital Bijnor UP
पाठा



Classification
चरक- स्तन्यशोधन, ज्वरहर, संघानीय
सुश्रुत- आरग्वधादि, पिप्पल्यादि, अम्बष्ठादि
भावप्रकाश-
Synoyms
वरतिक्ता – तिक्त षधियों में श्रेष्ठ होने से
अम्बष्ठा - माता के समान स्वास्थ्य की रक्षा करने से
विद्धकर्णी - पत्र के आधार पर पर्णवृन्त के लगे होने से
Habit
इसकी आरोहणशील या प्रसरणशील लता होती है।
Habitat
यह भारत में सभी उष्णकटिबंधीय एवं उपउष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में 2000 मीटर की ऊँचाई तक पाया जाता।
Morphology
- इसकी आरोहणशील या प्रसरणशील लता होती है।
काण्ड रेखित, पतला तथा रोमयुक्त होता है।
-
पत्र मृदु श्वेत रोमों से आवृत, 2.5 - 10 से.मी. लम्बे, गिलोय के पत्रों के समान, नोकरहित, गोल या लट्वाकार तथा एकान्तर क्रम में होते हैं।
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पर्णवृन्त प्रायः पृष्ठ जुड़ा रहता है।
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पुष्प छोटे व पीताभ श्वेत वर्ण के होते हैं।
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फल मकोय जैसे छोटे-छोटे, लाल या नारंगी वर्ण के होते हैं।
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बीज मुड़े हुए होते हैं।
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पुष्पागम जून नवम्बर में व फलागम बाद में होता है।
- इसका भौमिक काण्ड लगभग 1.25 से.मी. व्यास का, बाहर से बादामी वर्ण का व भीतर से पीताभ भूरा एवं अपूर्ण चक्राकार रेखाओं से युक्त होता है।
Chemical Composition
इसके मूल में cissamine, Pelosine, hayatine व पत्रों व काण्ड में nuciferine, bulbo-carpine, corytuberine, laudanosine ke magniflorine पाया जाता है।
Guna-Karma
Rasa-तिक्त
Guna- लघु, तीक्ष्ण
Virya- उष्ण
Vipaka- कटु
Karma- स्तन्यशोधन
Doshakarma- कफपित्त शामक
Medicinal uses
अग्निमांद्य
अजीर्ण
उदरशूल
अतिसार
प्रवाहिका
रक्तविकार
हृद्रोग
शोथ
कास
Useful Part
मूल, काण्ड
Doses
क्वाथ 50- 100 मि.ली.
चूर्ण 1-3 ग्रा.
Important Formulation
षड्धरण योग
पुष्यानुग चूर्ण
उशीरासव
Shloka
पाठाम्बष्ठाम्बष्ठकी च प्राचीना पापचेलिका ।
एकाष्ठीला रसा प्रोक्ता पाठिका वरतिक्तिका ॥
पाठोष्णा कटुका तीक्ष्णा वातश्लेष्महरी लघुः ।
हन्ति शूलज्वरच्छर्दिकुष्ठातीसारहृद्रुजः ।
दाहकण्डूविषश्वासकृमिगुल्मगरव्रणान् ॥
(भा. प्र. नि. गुडूच्यादिवर्ग 192, 193)
पाठा.......शाकं... विद्याद् ग्राहि त्रिदोषघ्नम् । (च.सू. 27)
Hindi Name
पाढ़
English Name
Velvet-Leaf Pareira
Botanical Name
Cissampelos pareira Linn.
Family
Menispermaceae