HERBAL GARDEN

Vivek college of Ayurvedic Sciences & Hospital Bijnor UP

त्रिवृत

Classification

चरक-
सुश्रुत-
भावप्रकाश-

Synoyms

सरला
सुवहा
रेचनी
त्रिपुटा
विभण्डी

Habit

बहुवर्षायु सदुग्ध वली होती है।

Habitat

भारत में तीन हजार फुट की ऊंचाई पर पाया जाता है।

Morphology

  • स्वरूप बहुवर्षायु सदुग्ध वली होती है।
  • काण्ड सरल त्रिकोण पक्षयुक्त होता है।
  • पत्र 2 से 5 इंच लम्बे अनेक आकृती के तथा पत्र वृन्त 1 इंच लम्बा होता है।
  • पुष्म मंजरी 14 इंच लम्बी तथा श्वेत पुष्म होते हैं।
  • फल गोलाकार प्रायः 4 कृष्ण वर्णी 2 इंच लम्बे बीजों से युक्त होते हैं।

Chemical Composition

Turpethin नाम का ग्लूकोसाइड पाया जाता है।

Guna-Karma

Rasa-तिक्त, कटु
Guna- लघु, रूक्ष, तीक्ष्ण
Virya- उष्ण
Vipaka- कटु
Karma- विरेचक
Doshakarma- कफपित्त शामक

Medicinal uses

रक्तपित्त, जीर्ण ज्वर, उदर रोग, आनाह, विबन्ध तथा शोथ रोग

Useful Part

मूल त्वक

Doses

मूल त्वक चूर्ण (1-3 gm)

Important Formulation

अविपत्तीकर चूर्ण
त्रिवृतादि चूर्ण
त्रिवृतादिगुडिका
त्रिवृतादिघृत

Shloka

त्रिवृत्का कटुका तिक्ता स्निग्धोष्णा बृंहणी गुरु:।
विरेचनी व्रणस्थायी श्लेष्माघ्नी कुष्ठपैटकृत्॥

Hindi Name​

निशोथ

English Name

Indian Jalap

Botanical Name

Operculina turpethum

Family

Convolvulaceae