चरक- सुश्रुत- एलादि भावप्रकाश- त्रिजात, चातुर्जात
त्वक्- इसके छाल का प्रयोग उत्कट - तीक्ष्ण दारुसिता - त्वक् सिता अर्थात् मिश्री तुल्य मधुर होने से वरांग - उत्तम त्वक् चोच - उत्तम त्वक्
वृक्ष up to 50 ft high
Southwest coastal region of India & Sri lanka
Bark oil(0.5-1%) – contains Eugenol & Cinnamaldehyde
Rasa- कटु, तिक्त, मधुर Guna- लघु, रूक्ष, तीक्ष्ण Virya- उष्ण Vipaka- कटु Karma- छेदन, मुखदौर्गन्ध्यनाशन, जन्तुघ्न Doshakarma- कफवात शामक
श्वास कास अरुचि प्रतिश्याय अग्निमांद्य कण्डु मेदोरोग
त्वक्, तैल और पत्र
त्वक् चूर्ण – 1 to 3 g पत्र चूर्ण – 1 to 3 g तैल – 2 to 5 drops
सितोपलादि चूर्ण समशर्करा चूर्ण त्रिजातक चूर्ण चातुर्जातक चूर्ण
चतुर्विध मेध्य रसायन - “ मण्डूकपर्ण्या: स्वरस: प्रयोज्य: क्षीरेण यष्टीमधुकस्य चूर्णम् I रसो गुडूच्यास्तु समूलपुष्प्या: कल्क: प्रयोज्य: खलु शंखपुष्प्या: II आयुष्यप्रदानि आमयनाशनानि बल-अग्नि-वर्ण-स्वरवर्धनानि I मेध्यानि चैतानि रसायनानि मेध्या विशेषेण च शंखपुष्पी II ”
दालचीनी
Cinnamon
Cinnamomum zeylanicum Breyn (सिनेमोमम् जिलेनिकम)
Lauraceae (लॉरेसी)