चरक- सुश्रुत- भावप्रकाश-
सरला सुवहारेचनीत्रिपुटाविभण्डी
बहुवर्षायु सदुग्ध वली होती है।
भारत में तीन हजार फुट की ऊंचाई पर पाया जाता है।
Turpethin नाम का ग्लूकोसाइड पाया जाता है।
Rasa-तिक्त, कटु Guna- लघु, रूक्ष, तीक्ष्ण Virya- उष्ण Vipaka- कटु Karma- विरेचक Doshakarma- कफपित्त शामक
रक्तपित्त, जीर्ण ज्वर, उदर रोग, आनाह, विबन्ध तथा शोथ रोग
मूल त्वक
मूल त्वक चूर्ण (1-3 gm)
अविपत्तीकर चूर्ण त्रिवृतादि चूर्ण त्रिवृतादिगुडिका त्रिवृतादिघृत
त्रिवृत्का कटुका तिक्ता स्निग्धोष्णा बृंहणी गुरु:। विरेचनी व्रणस्थायी श्लेष्माघ्नी कुष्ठपैटकृत्॥
निशोथ
Indian Jalap
Operculina turpethum
Convolvulaceae