चरक- सुश्रुत- तिक्तवर्ग भावप्रकाश-
क्षीरपुष्पी - दूध के समान श्वेत पुष्प मांगल्यकुसुमा - श्वेतवर्णीय एवं शंखाकृति पुष्प के कारण शुभ शंखपुष्पी - शंख के समान श्वेत या शंखाकृति पुष्प वाली
क्षुप (Spreading Herb)
भारत में सर्वत्र, विशेषत: पथरीले मैदानो में
Shankhapushpine
Rasa- तिक्त Guna- स्निग्ध, पिच्छिल Virya- शीत Vipaka- मधुर Karma- ग्राही Doshakarma- त्रिदोष शामक
अनिद्रा उन्माद अपस्मार भ्रम स्वरभेद
पंचांग
कल्क – 5 to 10 g
शंखपुष्पी पानक शंखपुष्पी तैल ब्राह्मी वटी
चतुर्विध मेध्य रसायन - “ मण्डूकपर्ण्या: स्वरस: प्रयोज्य: क्षीरेण यष्टीमधुकस्य चूर्णम् I रसो गुडूच्यास्तु समूलपुष्प्या: कल्क: प्रयोज्य: खलु शंखपुष्प्या: II आयुष्यप्रदानि आमयनाशनानि बल-अग्नि-वर्ण-स्वरवर्धनानि I मेध्यानि चैतानि रसायनानि मेध्या विशेषेण च शंखपुष्पी II ”
शंखाहुली
Shankhpushpi
Convolvulus pluricaulis Chois.
Convolvulaceae