HERBAL GARDEN

Vivek college of Ayurvedic Sciences & Hospital Bijnor UP

शाल्मली

Classification

चरक- अपुरीषविरजनीय, शोणितस्थापन, वेदनास्थापन, संथानीय, पुरीषसंग्रहणीय, कषायस्कन्ध
सुश्रुत- प्रियंग्वादि
भावप्रकाश-

Synoyms

मोचा- - निर्यास निकलने से
पिच्छिला- निर्यास के पिच्छिल होने से
रक्तपुष्पा- पुष्पों के रक्त वर्ण होने से
स्थिरायु- कालसहत्वात् -लम्बे समय तक जीवित रहने से
तुलिनी- तूलंफलेऽस्याः- फलों के रूई युक्त होने से
कुक्कुटी- मुर्गे के कल्गीया शिखा के समान रक्त वर्ण पुष्प होने से

Habit

इसका वृक्ष 40 मी. तक ऊँचाव 6 मी. तक मोटा होता है।

Habitat

यह समस्त भारत वर्ष में उत्पन्न होता है।

Morphology

  • इसका वृक्ष 40 मी. तक ऊँचा व 6 मी. तक मोटा होता है।
  • काण्ड व शाखाओं पर कठिन शंक्वाकार कण्टक होते हैं तथा शाखाएँ अनुप्रस्थ दिशा में फैली व प्रायः चक्रिक क्रम में होती हैं।
  • पत्र सप्तपर्ण के पत्रों के समान पाणिवत्, 5-7 पत्रकयुक्त, मालाकार, लम्बात्र, 15-30 से.मी. लम्बे व चिकने तथा छोटी-छोटी टहनियों के अन्त में लगते हैं।
  • पुष्प रक्तवर्ण के व शाखाओं के अग्र भाग पर समूहबद्ध होते हैं।
  • फल 10-17 से.मी. लम्बे, आयताकार, अण्डाकार, काष्ठीय, पल्बकपाटयुक्त होते हैं।
  • फल के अन्दर काले रंग के कई बीज होते हैं जो रेशम जैसी रूई से आवृत रहते हैं।
  • यह फल किसी-किसी वृक्ष में दूर से देखने पर केले (मोचा) के सदृश दिखता है, संभवतः इसलिए भी इसे मोचा कहा गया है।
  • पुष्पागमन फरवरी-मार्च में पत्रों के झड़ जाने पर होता है तथा मार्च-मई में फल लगते हैं। इसके 1-2 वर्ष के छोटे वृक्ष के मूल का प्रयोग 'सेमल मूसली' के नाम से औषध के रूप में करते हैं।

Chemical Composition

इसके काण्डत्व में Lupeol, B-sitosterol, मूलय में Napthaquinone, Lupeol, B-sitosterol, B-D-glucoside, पुष्प में Hentriacontane, Hentriacontanol, B-D-glucoside, B-sitosterol, Kaempferol, Quercitin, बीड में Palmitic acid, Gallic acid, Tannic acid, Ethyl gallate, n-hexacosanol, निर्माण (मोचरस) में Catechutannic acid, Gallic acid, D-galactopyranose पाया जाता है।

Guna-Karma

Rasa- तिक्त, कषाय
Guna- लघु, स्निग्ध, पिच्छिल
Virya- उष्ण
Vipaka- मधुर
Karma- पुरीषविरजन, शोणितस्थापन मोचरस- पुरीषसंग्रहण, सन्धान
Doshakarma- कफपित्तशामक

Medicinal uses

अतिसार
प्रवाहिका
ग्रहणी
अर्श
रक्तपित
श्वेतप्रदर
रक्तप्रदरशीघ्रपतन

Useful Part

मूल, पुष्प, फल, निर्यास (मोचरस)

Doses

मूलचूर्ण 5-10 ग्रा
पुष्पस्वरस 10-20 मि.ली
फलचूर्ण 3-6 ग्रा.
निर्यास 1-3 ग्रा.

Important Formulation

शाल्मलीघृत
चन्दनादितैल
पुष्यानुगचूर्ण

Shloka

शाल्मलीपुष्याणि मधुराणि मधुरविपाकानि रक्तपित्त हराणि च।। (सु.सू. 46/249-250, 281)
शाल्मली शीतलास्वाद्वीरसेपाके रसायनी।
श्लेष्मलापित्त वातास्त्रहारिणी रक्तपित्तजित्।।
मोचात्रावोहिमो ग्राहीस्निग्धो वृष्यःकषायकः।
प्रवाहिकाऽतिसारामकफपित्तास्त्रदाहनुत्॥
कूटशाल्मलिकस्तिक्तःकटुकःकफवातनुत्।। (भा.प्र.नि. वटादिवर्ग 55, 57, 58, 59)

Hindi Name​

सेमल

English Name

Silk Cotton Tree

Botanical Name

Salmelia malabarica DC

Family

Bombacaceae