चरक- कासहर, श्वयथुहर, कण्ठ्य, हिक्कानिग्रहण सुश्रुत- लघुपंचमूल, बृहत्यादि, वरुणादि भावप्रकाश-
दु:स्पर्शा - अधिक कण्टकयुक्त होने से क्षुद्रा - छोटी होने से व्याघ्री - व्याघ्र के समान स्वर बनानेवाली निदिग्धिका - शीघ्र बढ़्ने वाली
कण्टकित क्षुप
भारत में सर्वत्र
Diosgenin, Solasonin
Rasa- तिक्त Guna- लघु, रूक्ष, तीक्ष्ण Virya- उष्ण Vipaka- कटु Karma- कासहर, श्वयथुहर Doshakarma- कफवातशामक
अश्मरी - कण्टकारी और बृहती मूल चूर्ण मधुर दधि के साथ इन्द्रलुप्त - कण्टकारी स्वरस मधु में मिलाकर लेप
पंचांग
क्वाथ – 40 to 80 ml
दशमूलारिष्ट पंचतिक्त घृत व्याघ्रीहरीतकी व्याघ्री तैल
छोटी कटेरी
Yellow-berried Night Shade
Solanum xanthocarpum Burm. F. (सोलेनम झान्थोकार्पम)
Solanaceae (सोलेनेसी)